वे घर की तलाशी लेते हैं
वे पूछते हैं
तुमसे
तुम्हारे भगोड़े बेटे का पता-ठिकाना
तुमसे
तुम्हारे भगोड़े बेटे का पता-ठिकाना
तुम मुस्कुराती हो
नदियों की चमकती मुस्कान
नदियों की चमकती मुस्कान
तुम्हारा चेहरा
दिए की एक ज़िद्दी लौ-सा
दिखता है
दिए की एक ज़िद्दी लौ-सा
दिखता है
निष्कम्प और शुभदा
(रचनाकाल:1976)