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अदम गोंडवी |
ग़ज़ल संग्रह
- धरती की सतह पर / अदम गोंडवी
- समय से मुठभेड़ / अदम गोंडवी
प्रतिनिधि रचनाएँ
- मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको / अदम गोंडवी
- जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ा कर देंगे / अदम गोंडवी
- ग़र चंद तवारीखी तहरीर बदल दोगे / अदम गोंडवी
- आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे / अदम गोंडवी
- जो डलहौज़ी न कर पाया वो ये हुक़्क़ा कर देंगे / अदम गोंडवी
- मुक्तिकामी चेतना अभ्यर्थना इतिहास की / अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये / अदम गोंडवी
- हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िये / अदम गोंडवी
- तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है / अदम गोंडवी
- ग़ज़ल को ले चलो अब गाँव के दिलकश नज़ारों में / अदम गोंडवी
- न महलों की बुलन्दी से , न लफ़्ज़ों के नगीने से / अदम गोंडवी
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िन्दगी / अदम गोंडवी
- जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है / अदम गोंडवी
- भूख के एहसास को शेरो-सुख़न तक ले चलो / अदम गोंडवी
- घर में ठण्डे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है / अदम गोंडवी
- विगट बाढ़ की करुण कहानी / अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गई है / अदम गौंडवी
- जुल्फ अँगड़ाई तबस्सुम चाँद आइना गुलाब / अदम गोंडवी
- बेचता यूँ ही नहीं है आदमी ईमान को / अदम गोंडवी
- किसको उम्मीद थी जब रौशनी जवां होगी / अदम गोंडवी
- जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में / अदम गोंडवी
- बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन की नशीली है / अदम गोंडवी
- हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है / अदम गोंडवी
- आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है ज़िंदगी / अदम गोंडवी
- काजू भुने पलेट में ह्विस्की गिलास में / अदम गोंडवी
- घर में ठंडे चूल्हे पर अगर खाली पतीली है / अदम गोंडवी
- चाँद है ज़ेरे-क़दम, सूरज खिलौना हो गया / अदम गोंडवी
- ज़ुल्फ़-अँगड़ाई-तबस्सुम-चाँद-आईना-गुलाब / अदम गोंडवी
- जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिए / अदम गोंडवी
- वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं / अदम गोंडवी
- विकट बाढ़ की करुण कहानी / अदम गोंडवी
- हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए / अदम गोंडवी