कहा किसी ने
पत्थरों से:
बनो मानवीय,
पत्थर बोले:
हैं नहीं अभी हम
पर्याप्त कठोर।
[ श्रेणी : अनूदित कविता । एरिश फ्रीड। अनुवादक : प्रतिभा उपाध्याय ]
पत्थरों से:
बनो मानवीय,
पत्थर बोले:
हैं नहीं अभी हम
पर्याप्त कठोर।
[ श्रेणी : अनूदित कविता । एरिश फ्रीड। अनुवादक : प्रतिभा उपाध्याय ]